व्यर्थ गेला तुका | व्यर्थ तो कबीर |
शिवबाचे पुकार | व्यर्थ गेले ||
म्हणे गुरुवर्य | मुखी देव धर्म |
नसे काही कर्म | निरक्षर ||
बुडबंबजाळ | हिंसक जहाल |
माजवुनी बवाल | लोकांमध्ये ||
मनुस्मृती डोई | द्वेषाचे गुर्हाळ |
दांभिक झुरळ | सनातन ||
सुसंस्कृत आव | वेष साधासुधा |
दंगलीचा धंधा | मांडोनिया ||
मुखी शिव नाम | फिरे गड किल्ले |
गोळा करी पिल्ले | नासवाया ||
असे धारकरी |मनात क्लिमिश
पेरतात विष | राजरोस ||
मेंदूस काकडा | फौज ती गांडूची
बिंडोक रेड्यांची| धारकाढी ||
युवकांनो फोडा | अधर्मी थोबाडे |
बंद पाडा गाडे | विवेकाने ||
शिवबाचे पुकार | व्यर्थ गेले ||
म्हणे गुरुवर्य | मुखी देव धर्म |
नसे काही कर्म | निरक्षर ||
बुडबंबजाळ | हिंसक जहाल |
माजवुनी बवाल | लोकांमध्ये ||
मनुस्मृती डोई | द्वेषाचे गुर्हाळ |
दांभिक झुरळ | सनातन ||
सुसंस्कृत आव | वेष साधासुधा |
दंगलीचा धंधा | मांडोनिया ||
मुखी शिव नाम | फिरे गड किल्ले |
गोळा करी पिल्ले | नासवाया ||
असे धारकरी |मनात क्लिमिश
पेरतात विष | राजरोस ||
मेंदूस काकडा | फौज ती गांडूची
बिंडोक रेड्यांची| धारकाढी ||
युवकांनो फोडा | अधर्मी थोबाडे |
बंद पाडा गाडे | विवेकाने ||
No comments:
Post a Comment